दुनिया की 50 प्रतिशत आबादी में विटामिन डी की कमी

दुनिया की 50 प्रतिशत आबादी में विटामिन डी की कमी

सेहतराग टीम

विटामिन-डी धूप से मिलने वाला एक ऐसा विटामिन है जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। दुनिया में ज्यादातर लोग इस विटामिन की पूर्ति के लिए सूर्य पर ही निर्भर हैं। यह हमारे शरीर में एनर्जी बूस्टर की तरह काम करता है। सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने के दौरान पराबैंगनी बी फोटॉन त्वचा में प्रवेश करते हैं और 7 डी-डिहाइड्रोकोलेस्ट्रोल को प्रीविटामिन डी 3 में कंवर्ट करते हैं। यह विटामिन डी 3 शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है।

हम अपनी जरूरत का ज्यादातर विटामिन डी सनलाइट से प्राप्त करते हैं। लेकिन त्वचा की रंगत बनाए रखने के लिए सनस्क्रीन का यूज करना, धूप में बिल्कुल ना निकलना और ऐंटिएजिंग क्रीम्स का उपयोग करना प्री विटामिन डी 3 के संश्लेषण को प्रभावित करता है और इस विटान का यह रूप हमारे शरीर में ऊर्जा और गर्माहट को बनाए रखने का काम करता है। विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए कई उपाय किए जाने की जरूरत है। पिछले दिनों हुई कई स्टडीज में यह बात सामने आई है कि दुनिया की करीब 50 प्रतिशत आबादी विटामिन डी की कमी से जूझ रही है।

इसकी एक बड़ी वजह हमारे भोजन में विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों की कमी होना भी शामिल है। विटामिन डी की कमी के चलते बच्चों को कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। साथ ही उनके दिमाग का विकास प्रभावित होता है। वहीं वयस्को में इस कमी के चलते ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या हो जाती है।

इसके साथ ही शरीर में विटामिन डी की कमी अन्य गंभीर परिणामों के साथ महामारी से जुड़ी हुई है, जिसमें कैंसर, हर्ट इश्यूज, इम्यून सिस्टम से जुड़ी बीमारियां शामिल हैं। इसलिए विटामिन डी की कमी से बचने के लिए जरूरी है कि हम धूप में कुछ देर निकलने के साथ ही अपने खान-पान में उन खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं, जिनसे विटामिन डी प्राप्त होता है। इनमें सोया मिल्क, सोया, दूध, दही, एग का यलो पार्ट, कॉड लिवर ऑइल और ऑरेंज जैसी चीजें शामिल हैं।

(साभार- नवभारत टाइम्स)

 

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